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साम्भर (हिरण)

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साम्भर
वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: जन्तु
संघ: रज्जुकी
वर्ग: स्तनपायी
गण: द्विखुरीयगण
उपगण: जुगाली करने वाले
कुल: सर्विडे
उपकुल: सर्विने
वंश: रुसा
जाति: आर. युनिकलर
द्विपद नाम
रुसा युनिकलर
(कर्र, १७९२)
पर्यायवाची
  • सर्वस युनिकलर

साम्भर (Rusa unicolor) दक्षिण तथा दक्षिण पूर्वी एशिया में पाया जाने वाला एक बड़ा हिरन है।

खोपड़ी का रेखाचित्र

साम्भर अपने सम्पूर्ण फैलाव क्षेत्र में विभिन्न

रूप और आकार में पाया जाता है, जिसके कारण पुराने समय में वैज्ञानिकों में असमंजस था और इसके लगभग 40 पर्याय थे। सामान्यतः कन्धे तक इसकी ऊँचाई 102 से 160 से॰मी॰ होती है तथा वजन 150 से 320 कि॰ होता है, हालाँकि यह 546 कि॰ तक भी वज़नी हो सकता है। सर से कूल्हों तक की लम्बाई 1.62 से 2.7 मी॰ हो सकती है तथा इसकी पूँछ की लम्बाई 22 से 35 से॰मी॰ तक होती है।[2]अन्य हिरनों की तुलना में इसकी पूँछ अधिक बड़ी होती है तथा आमतौर पर बाहर से काली और अन्दर की तरफ सफेदी लिये हुये होती है।[3] पश्चिमी उप-जाति के जीव अपने पूर्वी सम्बन्धियों से आकार में कुछ बड़े होते हैं।[3]

इसके सींग बड़े और मज़बूत होते हैं तथा बहुत सी शाखाओं वाले होते हैं। पूर्ण वयस्क में इनकी लम्बाई 110 से॰मी॰ तक होती है। अधिकतर हिरनों की तरह सींग नर में ही पाए जाते हैं।[3]
इसकी रोएँदार त्वचा मटमैले रंग से लेकर गाढ़ी स्लेटी रंग की होती है। आमतौर पर यह पूरा एक ही रंग का होता है, लेकिन कुछ उप-जातियों में कूल्हों और पेट में लाल-भूरे रंग के निशान होते हैं। इसकी छोटी किन्तु घनी अयाल भी होती है जो नरों में अधिक विशिष्ट होती है।
वयस्क नरों तथा गर्भवती या दूध पिलाती मादाओं के गले से आधा नीचे दूर एक सुर्ख-लाल धब्बा होता है। यह एक ग्रन्थी होती है कभी-कभी इसमें से सफेद रंग का द्रव्य निकलता है।[4]

पाये जाने वाले क्षेत्र

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सांभर नर चरता हुआ

साम्भर लगभग समूचे दक्षिण एशिया में (हिमालय पर्वत श्रंखला की दक्षिणी ढलानों तक), भूभागीय दक्षिण पूर्वी एशिया में (म्यानमार, थाईलैंड, इंडोचायना (लाओस, कंबोडिया, वियतनाम), मलय प्रायद्वीप), दक्षिणी चीन (हायनान द्वीप समेत) में, ताइवान में तथा इण्डोनेशिया के बोर्नियो और सुमात्रा द्वीपों में पाया जाता है।[1]

साम्भर मादा बच्चे के साथ

साम्भर ऊष्णकटिबंधीय मौसमी वनों में (ऊष्णकटिबन्धीय सूखे तथा मौसमी नम सदाबहार), उप-ऊष्णकटिबंधीय वनों में (शंकुधारी वृक्ष, चौड़ी पत्ती के पतझड़ीय वृक्ष तथा चौड़ी पत्ती के सदाबहार वृक्ष) और ऊष्णकटिबन्धीय वर्षावनों में पाया जाता है। यह पानी से ज़्यादा दूर विचरण नहीं करता है। यह एक मज़बूत प्राणी है और समुद्र तल से लेकर 3,500 मी॰ की ऊँचाई तक पाया जाता है - जैसे पूर्वी ताइवान, म्यानमार और हिमालय की ढलानों में।[1]
साम्भर को पतझड़ीय वनों की घनी झाड़ियाँ और घास की सुरक्षा पसन्द हैं,[4]हालाँकि इसका क्षेत्र इतना विस्तृत है कि इसके स्वभाव में बहुत विविधता देखी जा सकती है। निजी क्षेत्रफल में भी काफ़ी विविधता है, हालाँकि भारत में नर का इलाका आमतौर पर 1,500 हे॰ तथा मादा का इलाका 300 हे॰ पाया गया है।[3]
साम्भर जंगलों में रहते हैं और स्थानीय पर्यावरण के मुताबिक विभिन्न प्रकार की वनस्पति, जैसे घास, पत्तियाँ, पौधों की डालियाँ, फल, पानी के पौधे इत्यादि खाते हैं। वे कई प्रकार के झाड़ियाँ तथा पेड़ भी खा लेते हैं। वे सिंह और बाघ का पसन्दीदा शिकार हैं। मगर, जिनके इलाके साम्भर के साथ ही होते हैं, भी इनको अपना निवाला बना लेते हैं। तेन्दुए तथा ढोल इनके बच्चों या बीमारों को शिकार बना लेते हैं।

पर्यावरण एवं व्यवहार

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साम्भर निशाचर होते हैं। उषा काल और गोधूलि वेला में भी यह काफी सक्रिय होते हैं। वर्ष के अधिकतर समय नर एकाकी रहते हैं तथा मादा सोलह तक के समूह में रहती हैं। कुछ इलाकों में तीन से चार का ही गुट देखा गया है जिसके अन्तर्गत माँ, उसका सबसे हाल में जन्मा शावक तथा एक-आध नीचे तपके की अवयस्क मादा होते हैं। यह मृग कुल के प्राणियों में अप्रतिम बर्ताव है, क्योंकि सुरक्षा की दृष्टि से यह बड़े समूह में रहना पसन्द करते हैं। प्रायः यह जल-स्रोत के निकट एकत्रित होते हैं और अच्छे तैराक होते हैं।[3] अन्य मृगों की भान्ति साम्भर भी शान्त होता है, हालाँकि प्रजनन काल में नर जोर से नाद करता है। सारे वयस्क चीत्कार कर सकते हैं या भयभीत होने पर छोटी अवधि की हुँकार भर सकते हैं। लेकिन अमूमन यह गंध के द्वारा या पैर ज़मीन पर पटकने के द्वारा आपस में सम्पर्क रखते हैं।
साम्भर नर अपने सींग अपने ही मूत्र से सनी मिट्टी में सानकर फिर पेड़ के तने के साथ रगड़ता है।[4][5]


सांभर का सींग घिसकर छाती व पसली मे लगाने से सर्दी ठीक होती है।

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  1. Timmins, R.J., Steinmetz, R., Sagar Baral, H., Samba Kumar, N., Duckworth, J.W., Anwarul Islam, Md., Giman, B., Hedges, S., Lynam, A.J., Fellowes, J., Chan, B.P.L. & Evans. (2008). Rusa unicolor. 2008 संकटग्रस्त प्रजातियों की IUCN लाल सूची. IUCN 2008. Retrieved on 12 दिसम्बर 2010.
  2. Boitani, Luigi, Simon & Schuster's Guide to Mammals. Simon & Schuster/Touchstone Books (1984), ISBN 978-0-671-42805-1
  3. Leslie, D.M. (2011). "Rusa unicolor (Artiodactyla: Cervidae)". Mammalian Species. 43 (1): 1–30. डीओआइ:10.1644/871.1.[मृत कड़ियाँ]
  4. Deer of the world: their evolution, behaviour, and ecology. Valerius Geist. Stackpole Books. 1998. Pg. 73-77
  5. Schaller, George B. (1984). The Deer and the Tiger (Midway Reprint). Chicago: University of Chicago Press. p. 384 pages. ISBN 0-226-73631-8