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मेरे ख्वाब

रात कली कोई ख्वाब में आई  और गले का हार हुई  हँसता हुआ था उसका चेहरा  आँखों में कोई रंग था गहरा  होठ गुलाबी, आँख शराबी  चाल में मादकता झलकी ...

शनिवार, 14 सितंबर 2024

मेरे ख्वाब

रात कली कोई ख्वाब में आई 

और गले का हार हुई 

हँसता हुआ था उसका चेहरा 

आँखों में कोई रंग था गहरा 

होठ गुलाबी, आँख शराबी 

चाल में मादकता झलकी थी 

जब मैं सुबह को नींद से जागा 

खोया - खोया खुद को पाया 

थका - थका सा मन बोझिल था 

कहाँ गई वो हुस्न की मालिका 

जिससे आँखें चार हुई थी 

काश वो मेरे सामने होती 

कुछ अपने जज़्बात सुनाता 

नए - नए मैं गीत बनाता 

शायर बन उसको बहलाता। 

शुक्रवार, 6 सितंबर 2024

शिक्षक दिवस

आओ मेरे प्यारे बच्चों 

सब मिलकर कुछ गाते हैं 

हंसी-ख़ुशी से गाते-गाते 

नया आज भी कुछ करते है


शिक्षक दिवस के इस पावन दिन 

ज्ञान की ज्योति जलाते है 

गुरु शिष्य के पावन रिश्ते 

नए-नए आयाम गढ़ेंगे 


आओ मेरे प्यारे बच्चों 

सब मिलकर कुछ गाते है 

यह पावन दिन है हम सबका 

मिलकर हम सब गाते है। 

सोमवार, 12 अगस्त 2024

बारिश का मौसम

देश हमारा इतना प्यारा 

सब नदीयों की बहती धारा 

ऋतू चार जीते हम सब है 

सर्दी - गर्मी वसंत - वर्षा 


बारिश के मौसम में बच्चे 

खूब खेलते छप - छप करके 

मम्मी जितनी चिक - चिक करती 

बच्चे उतने खुश हो जाते 


मम्मी छाता में छुप जाती 

बच्चे उछल - उछल कर गाते 

आज भींग कर जायेंगे 

मस्ती खूब मचाएंगे। 

रविवार, 11 अगस्त 2024

मातृ भूमी

भारत माँ पे कुर्बान हुए 

माँ की मान बढाने को 

माँ की शान बचाने को 

लाखों सपूत कुर्बान हुए 

आज़ाद देश कहलाने को 

हर घर ने कुर्बानी दी 

हर घर संग्राम का हिस्सा था 


ए देश नहीं माँ मेरी है 

माँ की ख़ातिर हम आज यहाँ 

माँ की रक्षा है फ़र्ज़ मेरा 

माँ का है मुझपे क़र्ज़ बड़ा 


माँ की ख़ातिर मिट जायेंगे 

माँ का आँचल है स्वर्ग मेरा 

माँ का सर झुकने से पहले 

अपने सर का बलिदान करे 


हे वीर तुम्हारी विरह कथा 

अपने शब्दों में कह पाए 

यह सौभाग्य हमारा है 

कि यह तुक्ष कलम 

कुछ लिख पाए 

है नमन सदा उन वीरों को 

जिसने क़ुरबानी देश पे दी 

जिसने भारत की रक्षा की। 

मंगलवार, 20 फ़रवरी 2024

अयोध्या धाम

राम आएंगे अयोध्या धाम आएंगे 

राम आएंगे तो खुशियां मनाएंगे 

फूल माला से मैं घर को सजाऊंगी 

रंगोली बना के मैं देहरी सजाऊंगी 

दीपमाला बनके खुद सज जाउंगी 

छप्पन भोग बना भोग मैं लगाउंगी 

प्रभु जीमी -जीमी आपको मैं जिमाऊंगी 

गाय गोबर से मैं अँगना निपाऊँगी 

फूलवाड़ी में से फूल तोड़ लाऊंगी 

राम आएंगे तो खुशियां मनाऊंगी। 

सोमवार, 19 फ़रवरी 2024

शादी शुदा ज़िन्दगी

बड़ा मुश्किलों का एक मकान है 

गृह प्रवेश में सब कुछ अच्छा-अच्छा होता है 

अगले दिन से ही संघर्ष की शुरुआत हो जाती है 

रोज़ दिन गुज़रता है चीक-चीक भरा 

चारो तरफ रिश्ते-नातो की होती है भीड़-भाड़ 

कहने को तो सब अपने लोग है 

पर ना जाने क्यों हर रिश्ता 

अपना मोल मांगता है 

नापता है हर कदम पर तानो-बानो से। 

रविवार, 18 फ़रवरी 2024

बसंत

देखो बसंत आया है 

सबके मन को भाया है 

चारो ओर रंग-बिरंगे फूल खिले है 

मौसम भी सुहाना है 

मन मुस्कुरा रहा है 

तन झूमने को करता 

रंग-बिरंगे गुलाल लेकर 

बच्चे इधर-उधर है डोले 

कभी किसी के सर पर डाले 

तो कभी किसी को बाँहों में भर ले

आया बसंत आया 

सबके मन को भाया।