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मेरे ख्वाब

रात कली कोई ख्वाब में आई  और गले का हार हुई  हँसता हुआ था उसका चेहरा  आँखों में कोई रंग था गहरा  होठ गुलाबी, आँख शराबी  चाल में मादकता झलकी ...

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शनिवार, 20 जनवरी 2024

माँ

माँ तुम्हारी याद मेरे दिल में बसती है 

तू नज़र के सामने मुझे रोज़ दिखती है 

ख्वाब में भी माँ मुझे दिल से लगाती है 

प्रेम का अपना शगुन मुझे दे के जाती है 

माँ मेरी मुझको तेरी बड़ी याद आती है 

हर कठिन रस्ते में माँ की याद आती है 

क्या करू कैसे तुम्हे दिल से लगाऊं माँ 

माँ तुम क्यों दूर हो, मेरे पास आओ माँ। 

शनिवार, 9 सितंबर 2017

ख्वाब

चाहे हकीकत हो या ख्वाब
बस हो वो लाजवाब
किसी के दिल में क्या छुपा है
सब हो जाए बेनकाब तो
तो मंजर होगा लाजवाब
मैं अच्छी हूँ पर
दुनिया के नज़र में हमेशा बुरी हूँ
अगर मैं सच में बुरी होती तो
रिश्तों की परिभाषा ही अलग होती

चाहे हकीकत हो या ख्वाब
बस हो वो लाजवाब
जीवन एक सफ़र है
ओर हम सब उसके मुसाफ़िर
चिड़ियों के कलरव ध्वनि से भोड़ के
मधुर भजन के स्वर से हो हर शाम
ज़िन्दगी मुश्किलों का अंबार ही क्यों न हो

ख्वाब हो तुम या कोई हकीकत
सामने मेरे आओ
जीवन की इन रंग रलियों में
कुछ तो रंग भर जाओ
कोई जीए हज़ारों साल

हम क्षण में हैं मालामाल!!