WoW Wednesday में दूरदर्शन के एक ऐसे टीवी सीरियल के बारे में बता रहे हैं, जिसकी पॉपुलैरिटी ने नए आयाम रच दिए थे। और तो और मेकर्स को जनता की डिमांड पर इसके DVD और VCD कैसेट तक निकालने पड़े थे। इस सीरियल का नाम था 'अलिफ लैला', जिसे रामानंद सागर के बेटों- आनंद, मोती और प्रेम सागर ने बनाया था। पापा जी रामानंद सागर के बनाए 'रामायण' और 'श्री कृष्णा' की तरह ही 'अलिफ लैला' भी दर्शकों के दिलों पर छा गया था। 31 साल पहले आए 'अलिफ लैला' के दर्शक आज भी दीवाने हैं। तस्वीरें: production.sagarworld.com
'अलिफ लैला' के दो सीजन आए थे और 143 एपिसोड टेलिकास्ट किए गए। साल 1993 में शुरू हुआ यह सीरियल जनता की डिमांड और पॉपुलैरिटी को देखते हुए 1997 तक चला। तस्वीर साभार: IMDb
'अलिफ लैला' में हर कलाकार अपने निभाए किरदार के नाम से पहचाना जाने लगा था। फिर चाहे वह राजा शहरयार बने गिरिजा शंकर हों, रानी शहरजाद बनीं दामिनी कंवल शेट्टी या फिर सिंदबाद बने शहनवाज प्रधान। तस्वीर साभार: production.sagarworld.com
शहनवाज प्रधान ने तो 'अलिफ लैला' में सबको हैरान ही कर दिया था। उन्होंने इसमें सिंदबाद समेत कई और किरदार निभाए थे, जिनमें वजीर से लेकर चोर अली बाबा तक शामिल हैं। शो इतना ज्यादा पसंद किया है कि भारी पब्लिक डिमांड पर इसके डीवीडी और वीसीडी कैसेट बनाए गए। तस्वीर साभार: production.sagarworld.com
'अलिफ लैला' को बाद में बंगाली भाषा में भी बनाया गया था। यही नहीं, इसे साउथ अफ्रीका, यूके, बांग्लादेश और श्रीलंका में भी टेलिकास्ट किया गया। वहां इस सीरियल को खूब प्यार मिला। तस्वीर साभार: production.sagarworld.com
और तो और 'अलिफ लैला' को मिस्र में रेडियो और टीवी के लिए चौथे काइरो फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया था। तस्वीर साभार: production.sagarworld.com
'अलिफ लैला' ने मोस्ट आउटस्टैंडिंग टीवी सीरियल का अवॉर्ड जीता था, जो इंडिया सिनेगोअर्स ने नवाजा था। इसे इंडिया ही नहीं, बल्कि मुस्लिम देशों में भी खूब लोकप्रियता मिली। दर्शक पूरे हफ्ते 'अलिफ लैला' की कहानियों का बेसब्री से इंतजार करते थे। तस्वीर साभार: production.sagarworld.com