सावन का पावन मास शिव का प्रिय मास
शिव देवों के देव अर्थात महादेव इनकी महिमा अपरम्पार है . इनके शाश्वत स्वरुप का वर्णन अनंत है , जिसकी कोई सीमा नहीं है और हम इनके स्वरुप की जितनी गहराई में गोता लगाते हैं उतनी ही गहराई में डूबते जाते हैं . जिस अभूतपूर्व शांति को हम पाते हैं वो शिवमय होने के बाद ही मिलती है . आत्मा की शुद्धता और प्रेम यही तो है जो हमें सुगमतापूर्वक उनके पास पहुंचाती है , भले ही मार्ग पथरीला हो पर फूल बिछे ही महसूस होते हैं और हम बाबा के द्वारे होते हैं बिलकुल उनकी भक्ति में डूबे . सुध कहाँ होती है किसी और बात की , मन तो बस बाबा में ही लगा होता है .
बड़ा प्रिय लगता है बाबा को सावन मास क्योंकि समुद्र मंथन के पश्चात् विश्व की रक्षा हेतु हलाहल विषपान करना पड़ा था और इसके पश्चात् शीतलता इसी मास में मिलती है उन्हें , जब झमाझम बारिश से धरती शीतल बन जाती है , चारो ओर हरियाली छा जाती है तब भक्त भला पीछे क्यों रहें , वे भी उनका जलाभिषेक कर असीम कृपा प्राप्त करते हैं . शिव को प्रसन्न करने के लिए नाना कष्ट झेलते हुए भी उनके द्वार बोलबम का नारा लगाते हुए पहुँच जाते हैं . कहा जाता है कि पार्वती को भी शिव को प्रसन्न करने के लिए इसी माह कठोर साधना करना पड़ा था तब जा कर भोले भंडारी उनके हुए .
भगवन शिव का एक नाम ''आशुतोष'' भी है जिसका अर्थ है ''आशु: तुष्यति इति आशुतोष:'' अर्थात जो अतिशीघ्र संतुष्ट हो जाय, वही शिव हैं. शिव के सहस्त्र नामों का जप आत्मिक शुद्धि से करने वाला उनके सर्वाधिक सन्निकट पहुँच जाता है और इसका अनुभव वह स्वयं ही कर सकता है .
बहुत सुन्दर.....
जवाब देंहटाएंसावन की प्यारी शुरुआत......
ओम नमः शिवाय
अनु
सावन का पावन मास शिव का प्रिय मास होता है..सही कहा..सार्थक लेख...आभार..
जवाब देंहटाएंभक्तिभाव से ओतप्रोत बहुत सुन्दर प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंवाह सुंदर जलाभिषेक ...श्री आशुतोष का ...!!आभार.
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी और पावन भाव....
जवाब देंहटाएंसावन को आने दो,,,,,,
जवाब देंहटाएंMY RECENT POST...:चाय....
ओम नमः शिवाय
जवाब देंहटाएं...बहुत सुन्दर
जय भोले नाथ ... शिव के सावन मॉस की बधाई ...
जवाब देंहटाएंअच्छी जानकारी .
जवाब देंहटाएंजय भोले नाथ!!!
बधाई आपको सावन की ...
जवाब देंहटाएंआप सभी को सावन की शुभकामनायें .....
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